Rajeev Juneja Success Story: जब से भारत में शार्क टैंक शो सोनी टीवी पर प्रसारित हुआ है, लोगों के बीच व्यापार के प्रति रुचि में वृद्धि हो रही है। कई युवा लोग व्यापार में रुचि लेकर नए क्षेत्रों में प्रवेश कर रहे हैं और धमाकेदार प्रदर्शन कर रहे हैं। यह बताना जरुरी है कि स्टार्टअप सेक्टर धीरे-धीरे बढ़ रहा है और इसमें भारतीय लोगों का भी बड़ा योगदान है। एक कंपनी है जो इन दिनों इंटरनेट पर तेजी से वायरल हो रही है और इस कंपनी के सीईओ की सराहना हो रही है।
इस व्यक्ति ने सिर्फ कंडोम्स बेचकर करोड़ों की कंपनी बना ली है। लोग Rajeev Juneja के बारे में जानने में काफी रुचि ले रहे हैं। वे जानना चाहते हैं कि आखिरकार यह कौन है? इसकी कंपनी का क्या नाम है? इसकी कंपनी की value कितनी है और यह कंपनी कितनी बड़ी हो चुकी है? यदि आप भी इन सभी जानकारियों को विस्तार से जानना चाहते हैं, तो इस आर्टिकल को ध्यान से पढ़ते रहें, हम बिना किसी देरी के शुरू करते हैं।
Rajeev Juneja Success Story: कंडोम बेचकर कमाए 88,000 करोड़
इस खास कहानी में हम बात कर रहे हैं भारत के सबसे बड़े फार्मा कंपनी, मैनकाइंड, के मालिक Rajeev Juneja की, जिन्होंने अपने भाई के साथ मिलकर एक शानदार सफलता की कहानी रची। 1995 में, जुनेजा भाइयों ने मिलकर मैनकाइंड फार्मा की स्थापना की और वह दोनों भाई मेरठ से बिल्कुल छोटे शुरूआती दिनों से बिलॉनेयर बन गए हैं।
यह कंपनी हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स और दवाइयों का उत्पादन करती है और इसकी चालाकी सिर्फ देश में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी बड़ी पहचान बना चुकी है। राजीव जुनेजा ने बिना कॉलेज पूरा किए ही भारतीय व्यापार दुनिया को एक नया आयाम दिखाया है।
कैसे हुई थी शुरुआत कमाई के मामले में टाटा को देते हैं टक्कर:
सन 1974 में, रमेश सी जुनेजा मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव के पद पर काम कर रहे थे, और उनका साथी था। उन्होंने 8 साल तक ल्यूपिन के साथ काम किया और फिर साल 1994 में अपनी जॉब छोड़ दी। उन दोनों जुनेजा भाइयों ने मिलकर मात्र 50 लाख रुपए की पूंजी के साथ मैनकाइंड कंपनी की शुरुआत की। उस समय, कंपनी में 25 मेडिकल प्रतिनिधियों ने काम किया और वह आज 88,000 करोड़ की है।
दुनिया के अमीर लोगों में एक नाम है जो सबसे ऊपर है – राजीव जुनेजा। उनकी नेटवर्क की मूल्यांकन पिछले साल 2.5 अरब डॉलर यानी की 20,749 करोड़ रूपए थी, और इसमें वृद्धि हो रही है। इन सालों में, मैनकाइंड ने फार्मा सेक्टर में एक विशेष स्थान बनाया है। मैनकाइंड ग्रामीण इलाकों और छोटे शहरों में सस्ती दरों पर दवाइयां बेचकर अपना नाम बनाया है, जिसके लिए वह बहुत प्रसिद्ध हैं।
कॉलेज ड्रॉपआउट हैं Rajeev Juneja
Rajeev Juneja Success Story: राजीव जुनेजा एक कॉलेज ड्रॉपआउट हैं और उन्होंने अपने भाई के साथ मिलकर मैनकाइंड फार्मा कंपनी की स्थापना की। उनके भाई, रमेश सी जुनेजा, ने 1974 में Kee फार्मा में मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव के रूप में काम किया था और इससे पहले ल्यूपिन कंपनी में 8 साल तक काम किया था। 1994 में रमेश सी ने अपनी नौकरी छोड़ी और फिर 1995 में राजीव जुनेजा ने मैनकाइंड कंपनी की शुरुआत की। इस कंपनी की शुरुआत 50 लाख रुपये की पूंजी से हुई थी और 25 मेडिकल प्रतिनिधियों के साथ उन्होंने कंपनी की नींव रखी। राजीव जुनेजा ने कॉलेज को छोड़ दिया है, जबकि रमेश जुनेजा साइंस ग्रेजुएट हैं।
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